ट्रेन में हुई थी दोस्ती, मुस्लिम दोस्त ने भूखे बौद्ध दोस्त को पहुंचाई मदद
कहते हैं दोस्त वही होता है, जो बुरे वक्त में काम आए। ऐसी ही दोस्ती ट्रेन में सैफुद्दीन और एक बौद्ध भिक्षु के बीच हुई। दोनों ने एक दूसरे को अपना नंबर दिया। हालांकि उनकी फोन पर कभी बात नहीं हुई। कभी-कभी ट्रेन में मुलाकात हो जाती थी, लेकिन बाद में सैफुद्दीन ने ट्रेन का सफर करना बंद कर दिया तो वह भी बं…